मोदी सरकार की धमाकेदार 20,000 करोड़ की ड्रोन योजना: मोदी सरकार का बड़ा कदम ‘Make In India’ के लिए!

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Make In India भारत सरकार ने 2025 में एक बड़ी और महत्त्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिसका मकसद भारत को ड्रोन निर्माण और उससे संबंधित तकनीकों में आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत कुल 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे ‘Make in India’ मिशन को मजबूती मिलेगी। यह योजना न केवल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगी, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत बनाएगी।

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Make In India योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में ही ड्रोन और उनके कलपुर्जों का निर्माण करना है ताकि विदेशों से आयात पर निर्भरता कम की जा सके। इससे देश में रोजगार के नए अवसर बनेंगे और उभरते हुए स्टार्टअप्स को भी बड़ा सपोर्ट मिलेगा। सरकार चाहती है कि भारत आने वाले वर्षों में ड्रोन निर्माण और निर्यात का एक वैश्विक केंद्र बने।

किन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ?

यह योजना ड्रोन निर्माता कंपनियों, पार्ट्स सप्लायर, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और ड्रोन सेवा प्रदाताओं के लिए खुली है। इस योजना के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को कम से कम 40% घरेलू मूल्यवर्धन दिखाना होगा, यानी उनके उत्पादों में 40% से ज्यादा सामान या तकनीक भारत में ही तैयार होनी चाहिए।

इस योजना में भाग लेने के लिए कंपनियों को न्यूनतम निवेश की सीमा पूरी करनी होगी। ड्रोन निर्माताओं के लिए यह सीमा ₹2 करोड़ है और कलपुर्जों (पार्ट्स) के निर्माताओं के लिए ₹50 लाख। इससे छोटी और मध्यम कंपनियों को भी इस योजना में भाग लेने का मौका मिलेगा।

योजना के अंतर्गत क्या-क्या लाभ मिलेंगे?

इस योजना के अंतर्गत कंपनियों को उनके उत्पादन के आधार पर सीधे नकद प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा स्टार्टअप्स और MSMEs को SIDBI जैसी संस्थाओं के जरिए बिना गारंटी के कम ब्याज दर पर कर्ज भी मिलेगा। इससे नए उद्यमी आसानी से अपने व्यवसाय को बढ़ा पाएंगे और नए इनोवेशन ला सकेंगे।

आर्थिक और तकनीकी प्रभाव

सरकार का अनुमान है कि यह योजना 2025 तक करीब 10,000 लोगों को सीधे और 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देगी। इसके अलावा, भारत का ड्रोन बाजार 2030 तक $18 से $20 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर “Made in India Drones” के जरिए पहचान मिलेगी और निर्यात में भी तेजी आएगी।

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राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्व

2025 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन संबंधित घटनाओं के बाद यह योजना और भी ज्यादा जरूरी हो गई है। अब भारत अपने ही देश में ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम तैयार करेगा जिससे सीमा सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। इससे चीन जैसे देशों पर निर्भरता कम होगी और भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाएगा।

निष्कर्ष

20,000 करोड़ की यह ड्रोन योजना ‘मेक इन इंडिया‘ अभियान को नई ऊंचाई पर ले जाने वाली है। इससे भारत को तकनीकी और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। यह योजना न केवल आर्थिक विकास में मदद करेगी बल्कि देश की सुरक्षा और वैश्विक छवि को भी मजबूत बनाएगी।